जब किन्ही कारणवश किसी व्यक्ति के मुंह में दांत नहीं होते है या फिर दांत गायब हो जाते है तो इसकी वजह से उस व्यक्ति को कई तरह से समस्याओं से गुजरना पड़ जाता है और उनके चेहरे की मुस्कान कहीं खो जाती है | गायब हुए दांतों से पीड़ित लोग अक्सर इस समस्या के बारे में लोगों से बात करने से भी कतराते है और उनके अंदर आत्मविश्वाश में भी काफी कमी आने लग जाती है | ऐसे में उस व्यक्ति यह ज़रूरी हो जाता है की वह डेंटिस्ट के पास जाकर अपने विचार विमर्श करें | दांतों के गायब होने के कई कारण हो सकते है, जैसे की दांतों में सड़न, जो अक्सर दांतों के गिरने या फिर दांतों को हटाने के कारण बनता है | इसके अलावा दांतों में चोट की वजह से भी यह दांतों के गिरने और गायब होने के कारण बन सकते है | आइये जानते है गायब हुए दांतों की जगह पर, दांतों को लगाना क्यों बेहद ज़रूरी होता है ?
गायब हुए दांतों के स्थान पर, दांतों को लगवाना क्यों है ज़रूरी ?
एसएचए डेंटल क्लिनिक सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर ज्योति मित्तल ने यह बताया कि कई बार उनके पास आये मरीज़ों के ऐसा भी मामले आते है की जहाँ उन मरीज़ों को दांतों में न ही सड़न की समस्या होती है और न ही वह टूटते है, लेकिन फिर भी उनके दांत के बीच खालीपन आने लग जाता है | जिसकी वजह से दांत नियमित से अधिक खुले-खुले नज़र आने लग जाते है, जो केवल ठीक से ब्रश न करने के कारण उत्पन्न होता है | इसके अलावा अधिकतर लोग खाना खाने के बाद कुल्ली नहीं करते है, जिसकी वजह से भोजन के छोटे-छोटे कण दांतों से चिपके रह जाते है जिसे निकालने के लिए व्यक्ति नुकीली वस्तु का उपयोग करता है, जो दांतों के गैप बनाने का कार्य करते है | हालांकि दांतों के बीच बने गैप को कम करने के लिए और गायब हुए दांतों के लिए कई तरह के समाधान विकल्प मौजूद है, जैसे की डेंटल ब्रिज , आइये जानते है डेंटल ब्रिज क्या है :-
डेंटल ब्रिज क्या होता है और यह कितने प्रकार के होते है ?
डेंटल ब्रिज एक वैकल्पिक समाधान है, जिसके माध्यम से दांतों के बीच बने गैप और गायब हुए दांतों का इलाज किया जाता है | जब दो स्वस्थ दांतों के बीच एक दांत का गैप आने लग जाता है, तब उन दांतों के बीच डेंटल ब्रिज को विकल्प समाधान के तौर पर उपयोग किया जाता है | डेंटल ब्रिज की प्रक्रिया में दांतों के बीच बने गैप में नकली दांत को लगा दिया जाता है, जो दांतों के बीच बने गैप को पूरा कर देता है | यह गायब दांतों के दोनों तरफ से मुकुटों की तरह बना होता है और इन मुकुटों के बीच नकली दांत या फिर कृत्रिम दांत को लगया जाता है | डेंटल ब्रिज कई प्रकार के होते है, जिनमें शामिल है :-
- कैंटिलीवर ब्रिज :- कैंटिलीवर ब्रिज, एक दंत कृत्रिम उपकरण होता है, जिसके माध्यम से गायब हुए दांत के एक तरफ एक ब्रैकेट ब्रिज को क्राउन के साथ जोड़ दिया जाता है और पोंटिक को उस गायब हुए दांतों के स्थान पर फैला दिया जाता है |
- पारंपरिक ब्रिज :- यह डेंटल ब्रिज का सबसे आम प्रकार होता है, जिसके दोनों सिरों पर डेंटल क्राउन मौजूद होते है और बीच में कृत्रिम दांत या फिर पोंटिक मौजूद होता है |
- मैरीलैंड बंधुआ ब्रिज :- मैरीलैंड बंधुआ ब्रिज को रेजिन-बोन्डेड ब्रिज भी कहा जाता है, यह धातु या फिर चीनी मिट्टी के बैंड से बने होते है, जिसे एबेटमेंट के पीछे लगाया जाता है |
- इम्प्लांट-स्पोर्ट ब्रिज :- इम्प्लांट-स्पोर्ट ब्रिज आपकी हड्डी के साथ जुड़ जाते है और दांतों की जड़ों की तरह काम करते है | जिसकी वजह से यह दांत बिलकुल प्रकृतिक दांत की तरह महसूस होते है, जो ब्रिज की तुलना में बेहतर आराम प्रदान करने में सहायक होते है |
दांतों के गायब होने या फिर दांतों के बीच बने गैप आपके लिए कई तरह की परेशानी को खड़ा कर सकता है, इसलिए समय रहते डेंटिस्ट के पास जाएं और अपना इलाज करवाएं | यदि आप में से कोई भी दांतों के गायब होने या फिर दांतों के बीच बने गैप से परेशान है तो इलाज के लिए आप डॉक्टर ज्योति मित्तल से मिल सकते है |
एसएचए डेंटल क्लिनिक सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर ज्योति मित्तल पंजाब के बेहतरीन ओरल और मैक्सिलोफासिअल सर्जन स्पेशलिस्ट में से एक है, जो पिछले 13 वर्षों से डेंटल ब्रिज के ज़रिये दांतों के गायब होने या फिर दांतों के बीच बने गैप से परेशान व्यक्तियों का सटीकता से इलाज कर रही है | इसलिए आज ही एसएचए डेंटल क्लिनिक की ऑफिसियल वेबसाइट पर हैं और परामर्श के लिए अपनी नियुक्ति की बुकिंग करवाएं | इसके अलावा आप वेबसाइट पर मौजूद नंबरों से भी सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |