डाईबेटिस जैसी बीमारी दांतों के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती है और क्या है कारण?

डाईबेटिस जैसी बीमारी दांतों के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती है और क्या है कारण?   

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डाईबेटिस या फिर मधुमेह गंभीर बीमारियों में से एक है | मधुमेह और दांतों से जुड़ी समस्याओं के बीच का संबंध उच्च रक्त शर्करा से है | यदि रक्त शर्करा पर समय रहते प्रबंधित न लगाया गया तो इससे दांतों के स्वास्थ्य में कई तरह के समस्याओं के उत्पन्न होने की संभावना अधिक हो जाती है | ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अनियंत्रित मधुमेह सफ़ेद रक्त कोशिकाएं को कमज़ोर बना देती है जो की मुँह के अंदर संक्रमण के खिलाफ शरीर का मुख्य से रक्षा करती है | 

एसएसए डेंटल क्लिनिक के सीनियर डॉक्टर ज्योति मित्तल ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो  माध्यम से यह बताया की कई मरीज़ का बहुत कॉमन-सा सवाल होता है की डाईबेटिस जिससे शुगर की बीमारी भी कहा जाता है, उसका दांतों की स्वास्थ्य से क्या सम्बध है ? यह बात बिलकुल सच है की जो मरीज़ शुगर की बीमारी से  जूझ रहे होते है या फिर काफी समय से उन्हें डाईबेटिस की बीमारी से पीड़ित है इसका सीधा असर दांतों के स्वस्थ्य पर भी पड़ता है | चाहे डाईबेटिस नियंत्रित है या फिर अनियंत्रित इसकी वजह से भी कई दांतों से जुडी कई बीमारियां उत्पन्न हो सकती है जैसे की मसूड़े में सूजन, ब्रश के दौरान दांतों  से खून बहना, समय से पहले दांतों का टूट जाना आदि | इसके आलावा इस बीमारी से मुँह के अंदर हमेशा ड्राईनेस रहती है जिससे दांतो में सड़न जैसी समस्या, फंगस इन्फेक्शन होना और मुँह से बदबू तक आने लगता है | जिसका सही समय पर इलाज करवाना बेहद ही आवश्यक होता है | 

डॉक्टर ज्योति मित्तल ने यह भी बताया की अगर आप भी डाईबेटिस जैसे बीमारी का शिकार है तो इससे अपने दांतों के स्वास्थ्य का बचाव और बरकरार कैसे रख सकते है, आइये जानते है :- 

  • अपनी दांतों के हाईजीन को बरक़रार रखने के लिए दिन में दो बार ब्रश की सहायता से दांतों से अच्छे से साफ़ करें |  
  • अपने रोज़ाना जीवनशैली में संतुलित भोजन का सेवन करे, जो दांतों के स्वस्थ्य के साथ-साथ डाईबेटिस जैसी  बीमारी को भी नियंत्रित रखेगा | 
  • दिन में कम से कम 2 से 3 लीटर का पानी सेवन करना चाहिए, जो मुँह के अंदर हो रहे सुखेपान की समस्या को कम करने में मदद करेगा और शरीर को हाइड्रेट रखेगा |  
  • धूम्रपान और शराब जैसी नशीली पदार्थों का सेवन बिलकुल भी न करे | 
  • 2 से 3 महीने के बीच डेंटिस्ट के पास जाकर अपने दांतों का निरीक्षण करवाते रहे, ताकि समय से पहले ही बीमारी का पता लग सके और तुरंत ही इलाज हो सके | 

अगर आप भी दांतों से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे है तो आप एसएसए डेंटल क्लिनिक का चयन कर सकते है | इस संस्था के डॉक्टर ज्योति मित्तल ओरोमैक्सलोफेशल में एक्सपर्ट है, जो आपको इस समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करेंगे |

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