मौखिक स्वच्छता प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और एक स्वस्थ मुस्कान की शुरुआत अच्छी दंत स्वच्छता से शुरू होती है | दंत स्वच्छता मौखिक स्वास्थ्य की नींव होती है, जो स्वस्थ दांतों के साथ-साथ मसूड़ों को भी स्वस्थ बनाये रखने में अपनी एहम भूमिका को निभाने का कार्य करते है | एसएचए डेंटल क्लिनिक के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर ज्योति मित्तल ने यह बताया की कई बार लोग अपने कामों में इतना व्यस्त हो जाते है की वह अपने सेहत के तरफ बिलकुल भी ध्यान नहीं दे पाते है, जिसकी वजह से उन्हें दांतों से जुड़ी कई तरह की समस्याओं से सामना करना पड़ जाता है जैसे की मसूड़ों में सूजन, दाँतों में कैविटी और स्थिति गंभीर होने पर उनके दांत भी टूटने लग जाते है |
इसलिए दंत स्वच्छता को बरकरार रखने के लिए रोज़ाना अच्छी आदतें को अपनाना चाहिए, जिसमें नियमित रूप से ब्रश करें, फ्लॉसिंग करें और डेंटिस्ट के पास जाकर अपने दांतों की अच्छे से जाँच-पड़ताल करना शामिल है | आइये जानते है कौन-सी अच्छी आदतें आपके दांतों के स्वच्छता को बरकरार रखने में मदद कर सकती है :-
- रोज़ाना दिन में दो बार ब्रश करें
प्रत्येक व्यक्ति को दिन में दो बार सुबह उतने के बाद और रात को सोने से पहले ब्रश ज़रूर करना चाहिए | अब अगर बात करें की सुबह और रात को ही ब्रश क्यों करना चाहिए, तो ऐसा इसलिए क्योंकि रात को सोने के समय मुंह में लार का पैदावार सबसे काम होती है, जो मुँह में मौजूद बैक्टीरिया को निकालें का काम करते है, इसलिए सुबह सबसे पहले उठकर ब्रश करना चाहिए, और अब अगर बात करें की रात को ही ब्रश क्यों करना चाहिए तो रात को भोजन खाने के बाद, इसके छोटे-छोटे कण दांतों में ही चिपके रह जाते है, जो बैक्टीरिया को बढ़ावा देने का काम करते है | इसलिए रात को सोने से पहले ब्रश ज़रूर करें |
- दांतों की अच्छे से फ्लॉसिंग करें
ठीक से फ्लॉसिंग करने के लिए अपनी दोनों तर्जनी उंगलियों के बीच फ्लॉसिंग को लपेटकर, प्रत्येक दांतों के बीच दबाना चाहिए | इसकी मदद से दांतों के बीच जमा भोजन के कण को निकाल सकते है | इसलिए फ्लॉसिंग को अच्छे से दांतों के ऊपर, नीचे और अगल-बगल में स्वतंत्र से घूमाना सुनिश्चित करें |
- दांतों की घरेलू देखभाल
कोई भी उपचार तब तक अपना असर नहीं दिखाता है, जब तक आप उचित और नियमित रूप से घरेलु उपचारों की पालना नहीं करते है | इसका मतलब यह है की हर भोजन के सेवन के बाद अच्छे से ब्रश और फ्लॉसिंग करनी चाहिए है, क्योंकि भोजन करने के बाद उसके छोटे-छोटे कण दांतों में जमा रह जाते है, जो बैक्टीरिया को बढ़ावा देने का कार्य करते है | इसलिए यह महत्वपूर्ण है की दिन में दो बार नियमित रूप से दांतों को ब्रश और फ्लॉसिंग करें |
- डेंटिस्ट के पास जाएं
प्रत्येक व्यक्ति को 2 से 3 महीने के बीच डेंटिस्ट के पास, अपने दांतों की जाँच-पड़ताल करवाने के लिए ज़रूर जाना चाहिए | ऐसा करने से जाँच-पड़ताल के दौरान दांतों में उत्पन्न समस्या का पहले ही पता लग जायेगा और समय पर ही इसका इलाज भी हो जायेगा, क्योंकि इलाज में देरी होने पर स्थिति गंभीर भी हो सकती है, जिसकी वजह से यह समस्या दांतों के टूटने का कारण भी बन सकते है |
यदि आप में से कोई भी व्यक्ति दांतों के स्वास्थ्य से जुड़ी इसी भी प्रकार की समस्या से पीड़ित है और अपना इलाज करवाना चाहता है तो इसमें एसएचए डेंटल क्लिनिक आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर ज्योति मित्तल पंजाब के बेहतरीन ओरल और मैक्सिलोफेसिअल सर्जन में से एक है, जो पिछले 13 वर्षो से पीड़ित मरीज़ों का सटीकता और स्थायी रूप से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही एसएचए डेंटल क्लिनिक नामक वेबसाइट पर जाएंऔर अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |