क्या आपको भी गायब हुए दांतों की वजह से सब के सामने मुस्कुराते दौरान शर्मिंदगी महसूस होती है ? एक या फिर एक से अधिक दांतों का टूट जाने से एक व्यक्ति के जीवन पर काफी नकारत्मक प्रभाव डाल सकता है | जिसके वजह से उनके मुस्कुराहट और आत्मविश्वास पर तो प्रभाव पड़ता ही है इसके साथ ही उन्हें भोजन को चबाने और बोलने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ जाता है | जिसकी वजह से उन्हें डेंटल इम्प्लांट्स का चुनाव करना पड़ता है, जिसकी मदद से देंईस्ट द्वारा गायब हुए दांतों को पूरा किया जा सकता है | आइये जानते है एक्सपर्ट्स से क्या है डेंटल इम्प्लांट्स :-
एसएचए डेंटल क्लीनिक के सीनियर डॉक्टर ज्योति मित्तल ने अपने यूट्यूब चैनल पोस्ट एक वीडियो के माध्यम से यह बताया की उनके पास भी कई ऐसे मरीज़ आते है तो डेंटल इम्प्लांट्स के बारे में पूछते है की उन्हें डेंटल इम्प्लांट करवाना चाहिए या नहीं| दरअसल डेंटल इम्प्लांट्स एक किस्म की कृत्रिम दांतों की जड़ें होती है, यह जड़ें एक तरह के मेटल से बना हुआ होता है, जिससे टाइटेनियम मेटल भी कहा जाता है, जो बायो के प्रति अनुकूल होती है | यह बायो के प्रति इसलिए अनुकूल होती है क्योंकि यह व्यक्ति के शरीर को किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचती है |
इस वीडियो में डॉक्टर ज्योति मित्तल ने दांतों का मॉडल को हाथ में लेकर यह समझाया की जो डेंटल इम्प्लांट्स होते है वह आपके गायब हुए दांतों की जड़ों से जाकर सीधा जुड़ता है | यदि आपके दांतों के जड़ों की स्थिति अच्छी रही तो आपके जड़ों में अच्छे से इम्प्लांट हो जायेगा | इस प्रक्रिया के दौरान सबसे पहले इस मेटल इम्प्लांट को आपके दांतों की जड़ों में सीधा डाल दिया जाता है और फिर कम से कम 3 महीने बाद इस इम्प्लांट के ऊपर दांत को लगया जाता है, जैसे ही इसके ऊपर दांत लग जाता है, तब इस पूरी प्रक्रिया को डेंटल इम्प्लांट्स कहा जाता है |
इससे संबंधित और जानकारी के लिए एसएचए डेंटल क्लीनिक नामक यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते है | इस चैनल पर संबंधित संपूर्ण जानकारी पर वीडियो बना कर पोस्ट की हुई है | इसके अलावा आप चाहे तो एसएचए डेंटल क्लीनिक से सीधा संपर्क भी कर सकती है | इस संस्था के डॉक्टर ज्योति मित्तल ओरोमैक्सलोफेशल सर्जरी में स्पेशलिस्ट है |