कौन नहीं चाहता की तस्वीर में उसकी मुस्कुराहट सबसे अच्छी आए और मुँह का स्वास्थ्य बहुत अच्छा रहे | हालांकि इसके बावजूद भी बहुत से लोग आपके मुँह के सेहत के लिए उठाये जाने वाले क़दमों के प्रति अनजान बने रहते है | आप में कई लोगों ने यह तो सुना ही होगा की दिन में दो बार ब्रश करने से दांतों को कैविटी की समस्या होने बचाया जा सकता है, यह बात बिलकुल सच है की अच्छी आदतें, मौखिक स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने में मदद करती है |
लेकिन इन में कुछ लोग होते है जो अपने दांतों के स्वास्थ्य का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखते है और कई गलतियां कर बैठते है | एसएचए डेंटल क्लिनिक के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर ज्योति मित्तल ने यह बताया कि आज के समय में अक्सर लोग अपने मौखिक स्वास्थ्य का बिलकुल भी ध्यान नहीं रखते है, जिसकी वजह से उन्हें कई तरह के समस्याओं से गुजरना पड़ जाता है | लेकिन आपको बता दें, इन समस्याओं का आसानी से इलाज किया जा सकता है | आइये जानते है ऐसे ही 6 बुरी आदतों के बारें में जो कर रहे मौखिक स्वास्थ्य को प्रभावित :-
दांतों को रगड़-रगड़ कर साफ़ करना
दांतों को रगड़-रगड़ कर साफ़ करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है | इसके वजह से दांतों का इनेमल क्षतिग्रस्त हो जाता है, जिसका सीधा असर आपके दांतों के नसों और जड़ों पर भी हो सकता है | ब्रश करने के दौरान ज़्यादा ज़ोर लगाने की ज़रुरत नहीं पड़ती | ताकत लगाकर ब्रश करना आम समस्याओं में से एक है, जो आपके मौखिक स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है |
टूथब्रश का न बदलना
प्रत्येक व्यक्ति के लिए हर 12 से 16 हफ़्तों बाद टूथब्रश का बदलना अनिवार्य होता है | समय के गुजरने के साथ-साथ ब्रश के ब्रिस्टल की क्षमता कम होने लग जाती है, इसलिए डेंटिस्ट द्वारा ब्रश को बदलने की सलाह दी जाती है | लेकिन कुछ लोग होते है, जो कई महीनों तक अपने टूथब्रश को बिलकुल नहीं बदलते | आपको बता दें यदि आप टूथब्रश का इस्तेमाल काफी लंबे समय तक कर रहे है तो इससे मुँह में कीटाणु पनप सकते है | इसलिए एक नियमित अंतराल के बाद अपने टूथब्रश को बदलते रहे |
दांतों के बीच की सफाई न करना
दांतों की सफाई करने के दौरान आपके लिए अन्य पहलुओं पर ध्यान भी बेहद ज़रूरी होता है | उन्ही पहलु में से एक है दाँतों के बीच की सफाई करना | यदि आप दांतों के बीच की सफाई को नज़रअंदाज़ करते है तो इससे आपके दांतों में सड़न, मसूड़ों की बीमारियां और अन्य समस्याएं पैदा हो सकती है | दांतों के बीच फंसे भोजन के छोटे-छोटे टुकड़ों से प्लाक जमा होने लग जाते है, जिसके लिए फ्लॉसिंग करवाने की सलाह दी जाती है |
गलत समय पर ब्रश करना
प्रत्येक व्यक्ति के लिए दिन में दो बार ब्रश करना बेहद ज़रूरी होता है, लेकिन आपको इस बात का भी पता होना चाहिए कौन-सा समय ब्रश करने के लिए सबसे उपयुक्त होता है | ब्रश करने के लिए सबसे उपयुक्त समय रात को सोने से पहले और सुबह उठने के तुरंत बाद माना जाता है | गलत समय पर ब्रश करना आपके दांतों के लिए हानिकारक हो सकते है | संतरा, कॉफ़ी या फिर एसिडिक पदार्थ के सेवन के बाद ब्रश बिलकुल भी नहीं करना चाहिए | मुँह में इन एसिडिक पदार्थों के ख़तम होने का इंतज़ार करें, फिर ही ब्रश करें | इसके अलावा आप इसके सेवन के 30 मिनट बाद भी ब्रश कर सकते है |
नशीली पदार्थों का सेवन
धूम्रपान और शराब जैसे नशीले पदार्थों का सेवन करना, बुरी आदतों में से एक है, यह अपने मौखिक स्वास्थ्य के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य को भी बुरी तरह से प्रभावित कर सकते है | इसलिए नशीली पदार्थों का सेवन कम करें |
नियमित दांतों का चेकअप न करवाना
कई बार लोग डेंटिस्ट के डर से अपने दांतों का नियमित रूप से जांच नहीं करवाते है, जिसे सबसे बड़ी और आम गलती मानी जाती है | प्रत्येक व्यक्ति के हर 2 से 3 महीने बाद दाँतों का नियमित रूप से जाँच करवाना बेहद ज़रूरी होता है, इसलिए अपने दाँतों की जाँच-पड़ताल को गंभीरता से ले और मौखिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें | एक्सपर्ट्स का यह कहना है की लोग उनके पास इलाज के लिए तभी आते है जब उनके दांतों की समस्या काफी बढ़ जाती है, जिसकी वजह से उन्हें कई प्रकार की समस्यों से गुजरना पड़ जाता है | इसलिए समय-समय पर अपने दांतों का परीक्षण करवाते रहे |
यदि आप में कोई भी व्यक्ति दांतों से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या से पीड़ित है और स्थायी रूप से अपना इलाज करवाना चाहता है तो इसके लिए आप एसएचए डेंटल क्लिनिक से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर ज्योति मित्तल पंजाब के सर्वोत्तम ओरल और मैक्सिलोफासिअल सर्जन में से एक है, जो पिछले 13 वर्षों से पीड़ित मरीज़ों का इलाज कर रही है |
इसलिए आज ही एसएचए डेंटल क्लिनिक की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |