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दांतों के दर्द से बच्चों को राहत दिलाने के लिए बस ये 6 घरेलू उपचारों को अपनाएं, जल्द असर दिखेगा

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आम तोर पर दांत का दर्द चाहे हल्का हो या गंभीर, एक भयानक समस्या होती है। अगर आपकी अच्छी मौखिक स्वच्छता आदतों के बावजूद भी दांतों का दर्द आपको या इससे भी ज्यादा आपके बच्चे को प्रभावित कर सकता है। और आपको बता दें की बच्चों के के दांतों में कैविटीज की समस्या बड़ों की तुलना में थोड़ी ज्यादा पाई जाती है, क्योकि बच्चे अपनी ओरल हेल्थ पर उतना अच्छे ध्यान नहीं दें पाते हैं। आज के समय में छोटी से छोटी उम्र के बच्चों में कैंडिज, आइसक्रीम, बिस्किट और मीठी चीजों का सेवन इतना ज्यादा बढ़ गया है, की इसकी वजह से उनके दाँतों में दर्द होना एक सामान्य सी बात हो गयी है। लेकिन कई बार यह समस्या बच्चों को इतना परेशान कर देता है की वह दांतों के दर्द की वजह से खाने-पीने में बहुत दिक्कत को महसूस करते हैं, और वह काफी चिड़चिड़े भी हो जाते हैं। जब किसी के भी दांत में दर्द होता है, तो यह बहुत ही पीड़ादायक और असहनीय हो सकता है और इस दर्द से जल्द से जल्द राहत पाना चाहते हैं। ऐसे में आप डेंटिस्ट के पास अपने बच्चों को लेकर जा सकते हैं। वह कुछ उपायों को कर सकते हैं जिसके करने से दांतों का दर्द कम होने के साथ कैविटी की समस्या को भी आराम मिल सकता है। बच्चों के दांतों के दर्द को दूर करने के लिए डॉक्टर द्वारा कुछ घरेलू उपाय बताए गए हैं, जिससे आप अपने बच्चों को दांतों के दर्द से छुटकारा दिला सकते हैं।  दांत के दर्द से राहत पाने के लिए कुछ घरेलू उपचार  लहसुन आम तौर पर घरों लहसुन का उपयोग बच्चों को दांत के दर्द से राहत देने के लिए भी किया जा सकता है। लहसुन में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो की दातों के दर्द से राहत के साथ साथ हानिकारक बैक्टीरिया को भी कम करने में मदद करते हैं। लहसुन को दर्द निवारक दवा के र्रोप में भी जाना जाता है। लहसुन का उपयोग 1 से 2 लहसुन का पेस्ट बनाएं और फिर उसको बच्चों के दांतों में 5 मिनट तक रखें।  ठंडा सेक बच्चों के दांतों का दर्द इतना हल्का होता है की वह एक ठन्डे सेक से भी ठीक हो जाता है। जैसे किसी भी बच्चे के दांतों में दर्द होता है तो वह अपने बैग में थोड़ी बर्फ या तौलिये में लिपटी हुई कोई जमी हुई चीज दर्द को कम करने में मदद कर सकती है। ये मसूड़ों में हुई सूजन को भी कम करने में मदद करता है। इस को सूजन वाली जगह पर 10 से 15 मिनट तक रखने पर सूजन से होने वाले दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिलती है।  नमक के पानी का उपयोग अक्सर ये घरेलू उपाय जो सभी को करना चाहिए, नमक के पानी से गरारे बच्चों के दांत के दर्द को दूर करने के लिए कराये जा सकते हैं। नमक के पानी के उपयोग से कैविटीज कम होती है, और बैक्टीरिया भी दूर हो जाते हैं। इसका उपयोग सिर्फ 1 गिलास गुनगुने पानी में 1/2 चम्मच नमक को मिलाएं और बच्चों को इसको अपने मुँह के चारों तरफ घूमाने के लिए बोलें। ऐसा करने से संक्रमण और जलन से छुटकारा मिलता है।  पुदीना का पत्ता पुदीने को प्राकृतिक दर्द निवारक भी कहा जाता है, जो कई तरह की बीमारियों को दूर करता है। यह बच्चों के दांतों के दर्द को कम करने के लिए पुदीना का पत्ता एक अच्छा विकल्प है, जो दांतों के दर्द के साथ-साथ सांसों से जुड़ी दुर्गंध को भी कम करने में मदद करता है। पुदीने का उपयोग बच्चों के दांत में 1 से 2 पत्तों को रखें दें, ऐसा करने पर दांतों को दर्द से जल्द राहत मिलती है।  लौंग का तेल लौंग के तेल के उपयोग से दांतों के दर्द से राहत मिलती है। और लौंग का तेल लौंग के पत्तों से निकाला जाता है। इसको बहुमुखी घरेलू उपचार और समग्र दवा भी कहा जाता है। इसका उपयोग आप पानी में कुछ बूँदें डालकर मुँह से इसका कुल्ला कर सकते हैं, या फिर रुई की मदद से कुछ बूँदें लगाकर समस्या वाले दाँत पर लगा सकते हैं। इससे दांतों को दर्द से राहत मिलेगी।  एलोवेरा जेल से मसाज करें एलोवेरा का उपयोग बच्चों के दांतों पर एलोवेरा जेल लगाकर अपने हल्के हाथ से उसकी मसाज करें ताकि उसके दांत के दर्द से राहत मिल सके। हालांकि एलोवेरा जेल में एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं, जो मुँह के बैक्टीरिया को कम करके दांतों के दर्द से राहत दिलाता है।  निष्कर्ष: आज के समय में सभी बच्चों का खान- पान बदल गया है, जिसकी वजह से उनके दांतों में बहुत ज्यादा दर्द होने कि सम्भावना बढ़ गयी है। और दातों की समस्या बड़ों से लेकर छोटों तक सभी लोगों में देखी जा रही है। और इसका कारण वजह, उनका ज्यादा कैंडी, आइसक्रीम, बिस्कुट और मीठी चीजों और फ़ास्ट फूड का सेवन करना है, इसकी वजह से उनके दांतों में कैविटीज़ और दातों में दर्द पाया जाता है। इसको लहसुन के पेस्ट से, लौंग का तेल, एलोवेरा जेल से मसाज और ठंडे सेक से दर्द को दूर किया जा सकता है अगर इसके उपयोग के बाद भी आपके बच्चे को दांत में दर्द है और आप इसका इलाज ढूंढ रहे हैं तो आप आज ही शाह डेंटल क्लिनिक पर जाकर आप अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं, और इसके विशेषज्ञों से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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जाने बच्चों के दांत में कीड़े का कैसे करें इलाज ?

बच्चों के दांत में लगे कीड़े तो अपनाएं यह टिप्स, जिससे मिले बच्चों को तुरंत तकलीफ से राहत

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आज के समय में छोटे बच्चों के दांतों में कीड़े लगना बहुत ही आम हो गया है | क्योंकि कई बार भागदौड़ भरी जीवनशैली होने के कारण कई माँ-बाप अपने बच्चों का ठीक ढ़ंग से ख़याल नहीं रख पाते है, जिससे बच्चे दांतों से जुडी कई प्रकार की समस्याओं का शिकार हो जाते है, जिनमें से एक है दांतों में कीड़े का लगना | कई माँ-बाप लाड प्यार में बच्चों को चॉक्लेट, टॉफ़ी और आइक्रीम जैसे मीठी पदार्थों का सेवन करने से नहीं रोकते है, जिससे दांतों में कीड़े लगने का जोखिम कारक बढ़ जाता  है | इसके अलावा कई बच्चे अपने दांतों की ठीक से सफाई नहीं कर पाते है, जिसके वजह से उनके दांतों में कीड़े लग जाते है |  दांतों में कीड़े लगना एक गंभीर समस्या है, जिसका सही समय पर इलाज करवाना बेहद ज़रूरी होता है, सही समय पर इलाज न करवाने पर इससे दांतों में मल्टीपल कीड़ों के उत्पन्न होने का खतरा हो सकता है | लेकिन घबराएं नहीं, यदि आप अपने बच्चों के दांतों के स्वास्थ्य को बरकरार रखना चाहते है, इसके लिए आप कुछ टिप्स को अपना सकते है |  एसएचए डेंटल क्लिनिक के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर ज्योति मित्तल का मानना है कि बच्चों के दांतों को स्वस्थ रखने के लिए एक अच्छी आदत की शुरुआत घर से ही होती है | यदि आप पहले से अपने बच्चों को अच्छी आदत को अपनाने पर ज़ोर डालते है तो इससे बच्चों के दांतों में कीड़े लगने का अवसर 90 प्रतिशत तक कम हो सकता है और दांतों का स्वास्थ्य भी स्वस्थ रहेगा | ऐसे ही कुछ युक्तियाँ है जिसकों अपनाने से आप अपने बच्चे के दांतों में कीड़े लगने से रोक सकते है, आइये जानते है :-  बच्चों के दांतों को कीड़े लगने से रोकने के लिए आपनायें यह युक्तियाँ  यदि फिर भी आपके बच्चों के दांतों में कीड़े लग गए है तो बेहतर है की आप तुरंत अपने बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर जाएं और इलाज करवाएं, ताकि जल्द से जल्द आपके बच्चे को इस समस्या से छुटकारा मिल सके, क्योंकि स्थिति गंभीर होने पर यह समस्या आगे जाकर बहुत बड़ी बीमारी कारण बन सकती है | आइये जानते है बच्चों के दांतों में कीड़े लगने पर, किन चीज़ों से रखनी चाइये परहेज़ :- कीड़े लगने पर किन चीज़ों से रखें परहेज़   यदि आपके बच्चों के दांतों में कीड़े लग गया है और अपने बच्चे का इलाज करवाना चाहते है तो इसके लिए आप एसएचए डेंटल क्लिनिक से परामर्श कर सकते है, इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर ज्योति मित्तल ओरल एंड मैक्सिलोफासिअल में स्पेशलिस्ट है, जो पिछले 13 वर्षों से पीड़ित मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही  एसएचए डेंटल क्लिनिक नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है | 

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जाने किन कारणों से दांतों में ब्रेसेस लगवानी की पड़ती है ज़रुरत ?

दांतों को ब्रेसेस लगवाने की क्यों पड़ती है ज़रुरत, जाने क्या है कारण ?

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डेंटल ब्रेसेस तार-आधारित एक उपकरण है, जिसके उपयोग से ऑर्थोडोन्टिस्ट भीड़-भाड़ वाले और ख़राब सरेंखित वाले दांत या फिर जबड़े को ठीक किया जाता है | जिन लोगों को डेंटल ब्रेसेस की आवश्यकता होती है, उन्हें यह शुरूआती किशोरीअवस्था में ही मिल जाता है | हालांकि वयस्कों को भी ब्रेसेस पहने से काफी फायदे प्राप्त हो सकते है | डेंटल ब्रेसेस का मुख्य काम एक उत्कृष्ट काटने और मनभावन मुस्कान को प्रदान करने के लिए दांतों को ठीक से सरेंखित करना होता है |  डेंटल ब्रेसेस के ज़रिये दांतों के आकार से जुडी कई तरह समस्याओ को इलाज किया जाता है, जैसे की टेढ़े-मेढे, गैप वाला या फिर भीड़-भाड़ वाले दांत आदि शामिल है | जब आप ब्रेसेस पहनते है तो इससे सामूहिक मौखिक स्वच्छता और भी महत्वपूर्ण हो जाती है | प्लाक और टार्टर आपके ब्रेसेस के आस-पास जमा होने लग जाते है, जिससे कैविटी और सूजन जैसे समस्या हो सकती है | इसलिए मुलायम ब्रिस्ल वाले टूथब्रश और फ्लोरोइड टूथपेस्ट का उपयोग करके दिन में कम से कम दो बार ब्रश ज़रूर करें | आइये जानते है ब्रेसेस कैसे काम करता है :-     डेंटल ब्रेसेस कैसे काम करता है ?       डेंटल ब्रेसेस धीरे-धीरे आपके दांतों को समय के साथ उचित स्थिति में लाने के लिए हलके-हलके लगातार दबाव का उपयोग करता रहता है | हालांकि इसकी प्रक्रिया इस बात पर निर्भर करती है की आपकी किस प्रकार के ब्रेसेस को लगाने के लिए चुनते है, क्योंकि डेंटल ब्रेसेस कई प्रकार के होते है |  डेंटल ब्रेसेस कितने प्रकार के होते है ?   डेंटल ब्रेसेस कई अलग-अलग प्रकार होते है | लेकिन आपके दांतों में किस प्रकार का डेंटल ब्रेसेस का उपयोग करना है, वह कुछ कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि आपके दांतों की स्थिति, समस्या का प्रकार स्थिति की गंभीरता और आपकी व्यक्तिगत प्राथमिकताएं शामिल है |  डेंटल ब्रेसेस को लगाने के लिए कौन-सा उम्र सर्वोत्तम होता है ?  एक ऑर्थोडोन्टिस्ट के लिए कभी भी आपकी उम्र ज़्यादा नहीं होती | ऐसा माना जाता है की डेंटल ब्रेसेस को लगवाने के लिए सही उम्र 9 से 14 वर्ष की होती है, इस उम्र में जबड़े और चेहरे की त्वचा काफी लचीले होते है, क्योंकि यह अभी भी विकसित हो रहे होते है | वयस्क में भी डेंटल ब्रेसेस उतने ही प्रभावी होते है, लेकिन वांछित परिणाम को प्राप्त करने के लिए अधिक समय लग सकता है |         डेंटल ब्रेसेस को लगवाने के जोखिम और लाभ  डेंटल ब्रेसेस को लगवाने का एक सीधा और स्पष्ट लाभ है, आपकी अधिक सुंदर मुस्कान, इसके अलावा :-  अगर अब बात करें इससे होने वाले जोखिम कारकों की तो ब्रेसेस को लगवाने के बाद कुछ हलके और अपेक्षित दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते है, जिनमें शामिल है :-  लेकिन अधिकतर दुष्प्रभावों से आप आसानी से दर्द निवारक दवाओं के प्रबंधित कर सकते है |  यदि आपके दांतों का आकर भी टेड़ा-मेढ़ा है और आप इससे ठीक से सरेंखित करवाना चाहते है तो इसमें एसचए डेंटल क्लिनिक आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर ज्योति मित्तल पंजाब के बेहतरीन ओरल एंड मैक्सोलोफेशल सर्जन में से एक है, जो पिछले 13 वर्षों से पीड़ित मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही एसचए डेंटल क्लिनिक की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और आपकी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके आलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से संपर्क कर सीधा संस्था से चयन कर सकते है |

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टॉप-नॉच डेंटल रेस्टोरेशन क्या है और इसमें कौन-कौन सी प्रक्रियाएं शामिल होती है ?

टॉप-नॉच डेंटल रेस्टोरेशन क्या है और इसमें कौन-कौन सी प्रक्रियाएं शामिल होती है ? 

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टॉप-नॉच डेंटल रेस्टोरेशन क्या है और इसमें कौन-कौन सी प्रक्रियाएं शामिल होती है ?  एसएचए डेंटल क्लीनिक के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर ज्योति मित्तल ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो में यह बताया कि टॉप-नॉच डेंटल रेस्टोरेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके इस्तेमाल से क्षतिग्रस्त हुए दांतों की मरम्मत के लिए उपयोग किये जाने वाला समग्र राल होता है |    आसान भाषा में बात करें तो जब भी आप अपने दांत गुहा के उपचार के लिए डेंटिस्ट के पास जाते है, उपचार के प्रक्रिया के दौरान डेंटिस्ट आपके दांत के शय हिस्से को निकाल देता है और खाली पड़े हिस्से को पुनर्स्थापित राल के साथ भर देता है | दरअसल टॉप-नॉच डेंटल रेस्टोरेशन का उपयोग टूटे हुए और खोखले दांतों के निवारण के लिए किया जाता है, जो दांत-पीसने, नाखून चबाने और  चोट लगने से क्षतिग्रस्त हो जाते है |  अगर बात करें की टॉप-नॉच डेंटल रेस्टोरेशन के क्या लाभ है तो इस तकनीक का उपयोग सिर्फ सुंदर दिखने के उद्देश्य से नहीं किया जाता, इससे बल्कि कई तरह विशेष लाभ भी प्राप्त होते है जैसे की सभी टूटे हुए दांतों की रेस्ट्रोरेशन करता है, दांत के काटने की क्षमता को बढ़ाता है, दांत की स्वास्थ्य को बरकरार रखता है, आपकी मुस्कान में सुधर लेकर आता है, दांतों की संवेदनशील के साथ-साथ इससे गिरने से बचाने में भी मदद करता है |  यदि आप भी ऐसी ही परिस्थिति से गुज़र रहे है और इलाज करवाना चाहते है तो इसके लिए आप एसएचए डेंटल क्लीनिक से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर डॉक्टर ज्योति मित्तल डेनस्ट्री में स्पेशलिस्ट है, जो टॉप-नॉच डेंटल रेस्टोरेशन का उपयोग से आपके दांतों में फीलिंग से लेकर मुकुट और पुल्ल तक कवर कर सकती है | इस संस्था के सभी विशेषज्ञ टीम दांतों के परफेक्ट फिट के लिए और नेचुरल लुक के उन्नत तकनीकों का उपयोग करती है | इसलिए आज ही एसएचए डेंटल क्लीनिक नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से भी संपर्क कर सकते है |  इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप दिए गए लिंक पर क्लिक कर इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप एसएचए डेंटल क्लीनिक नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है | इस चैनल पर इस विषय से संबंधित संपूर्ण जानकारी पर आपको वीडियो प्रपात हो जाएगी |           

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मैनुअल और पावर टूथब्रश में से कौन है सबसे अधिक फाय देमंद ?

मैनुअल और पावर टूथब्रश में से कौन-सा ब्रश है सबसे बेहतर, डेंटिस्ट से जाने क्या है उनकी राय

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मैनुअल और पावर टूथब्रश में से कौन-सा ब्रश है सबसे बेहतर, डेंटिस्ट से जाने क्या है उनकी राय मौखिक से जुड़ी स्वास्थ्य की जब भी बात आती है तब उसकी सुरक्षा के लिए सबसे पहले टूथब्रश को पंक्ति किया जाता है | दांतों को ब्रश की मदद से साफ़ करना आपके स्वास्थ्य की देखभाल करने में सबसे सरल और सबसे महतवपूर्ण चीज़ों में से एक माना जाता है, क्योंकि दांतों की सफाई करना बेहद ज़रूरी होता है | आज के समय में मार्केट में दो तरह के ब्रश मिलते है पहले है मैनुअल टूथब्रश और दूसरा है पावर टूथब्रश | आइये जानते है दोनों टूथ्ब्रशीस में में से कौन-सा ब्रश है सबसे ज्यादा  असरदार:-  एसएचए डेंटल क्लीनिक के सीनियर डॉक्टर ज्योति मित्तल ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो में यह बताया कि मार्केट में दो तरह के ब्रश उपलब्ध है पहला है मैनुअल टूथब्रश और दूसरा है पावर टूथब्रश यानी इलेक्ट्रिक टूथब्रश | अगर बात करें मैनुअल टूथब्रश की तो यह ब्रश बहुत ही कम लागत में मार्केट में आसान से मिल जाता है |  यहीं बात करें अगर इलेक्ट्रिक टूथब्रश की तो इन टूथब्रश इसमें ब्रश करने की तकनीक टाइमर के साथ पहले से ही फंक्शनिंग हुई होती है | इस टूथब्रश में कई तरह के मोड मौजूद होते जिसे चुन कर आप ब्रश कर सकते है | जिससे ब्रश करने की तकनीक में बहुत ही ज्यादा सुधार आने लगता है | लेकिन कम नॉलेज और ब्रश करने की तकनीक का सही से पता न होने के कारण, कई लोगों को यह पता ही नहीं होता की उन्हें कौन से इलेक्ट्रिक टूथब्रश को खरीदना चाहिए |  डॉक्टर ज्योति मित्तल ने यह भी बताया की ब्रश चाहे मैनुअल हो या फिर हो इलेक्ट्रिक, अगर आपको ब्रश करने की सही तकनीक के बारे में पता है तो दोनों ही ब्रश आपके लिए बेहतर साबित हो सकते है |  इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप एसएचए डेंटल क्लीनिक नामक यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते है या फिर दिए गए लिंक पर क्लिक कर सकते है | यहाँ आपको इस विषय से जुड़ी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो मिल जाएगी | इसके अलावा आप एसएचए डेंटल क्लीनिक से भी सीधा संपर्क कर सकते है | इस संस्था के डॉक्टर ज्योति मित्तल डेंटिस्ट्री में स्पेशलिस्ट है, जो आपको इस विषय संबंधी पूरी जानकारी के साथ-साथ सही गाइडेंस भी दे सकती है |  

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जाने कैसे किया पुराने अकल दाढ़ से हो रही समस्या का इलाज ?

12 साल बाद मिला मिस बालवंती को अकल दाढ़ से हो रही समस्या से मुक्ति

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एसएचए डेंटल क्लिनिक के यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो में 12 साल बाद सफलतापूर्वक मिले इलाज के बारे में बताते हुए एक मरीज़ ने यह कहा की उनका नाम मिस बालवंती और पिछले 12 सालों से वह अकल दाढ़ से जुड़ी समस्या से जूझ रहे थे | उन्हें हर दो से तीन महीने के बाद अकल दाढ़ में तीव्र दर्द होना शुरू हो जाता था, जिसकी वजह से उनका मुँह बंद हो जाता था और भोजन को चबाने में भी काफी परेशानी होती थी | वह कई डेंटिस्ट के पास गए थे अपना इलाज करवाने के लिए, लेकिन अकल दाढ़ होने की वजह से उन्हें कही से भी उचित इलाज प्राप्त नहीं हो पा रहा था |  फिर वह अपना इलाज करवाने के लिए एसएचए डेंटल क्लिनिक में करवाने आये | यहाँ उनकी मुलाकात डॉक्टर ज्योति मित्तल से हुई, जिन्होंने जाँच-पड़ताल करने के बाद, काफी अच्छे से उनका इलाज किया | इस संस्था की एक और खास उन्हें यही भी लगी की डॉक्टर ने उन्हें खुद फ़ोन करके उनकी स्थिति के बारे में पुछा, जो कोई भी डॉक्टर नहीं करता है | इसलिए अब उन्होंने 12 साल पुराने अकल दाढ़ से हो रही समस्या से छुटकारा पा लिया है और इलाज के लिए वह तेह दिल से डॉक्टर विशाल मित्तल का शुक्रिया करना चाहते है |  यदि आप में से कोई भी व्यक्ति ऐसी ही समस्या से गुजर रहा है और स्थायी रूप से इलाज करवाना चाहता है तो इसमें एसएचए डेंटल क्लिनिक आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर ज्योति मित्तल ओरल और मेक्सिलोफेसिअल सर्जरी में स्पेशलिस्ट है, जो पिछले 13 सालों से पीड़ित मरीज़ों का स्थायी रूप से इलाज कर रही है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही एसएचए डेंटल क्लिनिक नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से भी सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |  इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक कर इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप एसएचए डेंटल क्लिनिक नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है | इस चैनल पर इस विषय संबंधी संपूर्ण पर वीडियो बनाकर पोस्ट की हुई है |

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इम्प्लांट समर्थित डेन्चर क्या होता है और इसे मौखिक स्वास्थ्य को कौन से लाभ हो सकते है प्राप्त ?

इम्प्लांट समर्थित डेन्चर क्या होता है और इसे मौखिक स्वास्थ्य को कौन से लाभ हो सकते है प्राप्त ?

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इम्प्लांट समर्थित डेन्चर क्या होता है और इसे मौखिक स्वास्थ्य को कौन से लाभ हो सकते है प्राप्त ? एसएचए डेंटल क्लीनिक के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर ज्योति मित्तल ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो में यह बताया की पारंपरिक डेन्चर के प्रतिकूल इम्प्लांट-समर्थित डेन्चर इम्प्लांट का उपयोग करने से सीधे दांत के जबड़ों से जुड़ा जा सकता है | इसके उपयोग के परिणाम स्वरूप यह आपको अधिक बोलने और सही से चबाने के लिए स्थिरता को प्रदान करता है |  इम्प्लांट समर्थित डेन्चर एक ऐसा मौखिक उपकरण है, जिसके माध्यम से एक साथ कई डेंटन को बदला जा सकता है | यह डेन्चर बिलकुल पारंपरिक डेन्चर की तरह ही होता है लेकिन यह जबड़ों के ऊपर आराम से लगने के बजाये आपके जबड़ों के साथ जुड़ जाता है | जो पारपरिक डेन्चर होते है वह कई कारणों से असुविधाजनक स्थिति उत्पन्न कर देते है, जिकसी वजह से इन डेन्चर का उपयोग करने रहे व्यक्ति को काफी मुश्किलों का समाना करना पड़ जाता है जैसे की कई बार खाना चबाते समय या फिर बोलते समय मुंह से डेन्चर फिसल बाहर को आ जाते है |  पारंपरिक डेन्चर इस्तेमाल कर रहे उन व्यक्तियों ने कई बात इस बात की शिकायत की है की कई जब वह किसी व्यक्ति से बात कर रहे होते है या भी खाना चबा रहे होते है तो यह डेन्चर उनके मुंह से बाहर की और आ जाते है और उनके लिए एक शर्मनाक स्थिति उत्पन्न कर देते है | लेकिन इस समस्या का केवल एक ही हल है वो है  इम्प्लांट समर्थित डेन्चर ओवर डेन्चर इम्प्लांट,क्योंकि यह डेन्चर आपके जबड़ों में सीधा इम्प्लांट होते है जिससे यह आपके जबडो के साथ जाकर जुड़ जाते है |  इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए दिये गए लिंक पर क्लिक कर इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप एसएचए डेंटल क्लीनिक नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है | इस चैनल पर आपको इस विषय संबंधित संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी |  यदि आप भी पारंपरिक डेन्चर के इस्तेमाल से असुविधाजनक स्थिति से गुजर रहे हो तो इस स्थिति में एसएचए डेंटल क्लीनिक आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था की सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर ज्योति मित्तल ओरल और मैक्सिलोफासिअल सर्जरी में स्पेशलिस्ट है और इन्हे 13 से भी अधिक वर्षों का तज़र्बा है, जो इम्प्लांट समर्थित डेन्चर का इम्प्लांट कर इस समस्या से जल्द से जल्द आपको छुटकारा दिला सकते है | इसलिए आज ही एसएचए डेंटल क्लीनिक नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट पर दिए गए नंबरो से भी संपर्क कर सकते है |        

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जाने कैसे करे टूटे हुए दांत को अलविदा और कैसे होता है डेंटल इम्प्लांट्स

अब दांतों के प्रत्यारोपण से करे टूटे हुए दांतों को अलविदा, जानें एक्सपर्ट्स से क्या है दंत प्रत्यारोपण के फायदे

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क्या आपको भी गायब हुए दांतों की वजह से सब के सामने मुस्कुराते दौरान शर्मिंदगी महसूस होती है ? एक या फिर एक से अधिक दांतों का टूट जाने से एक व्यक्ति के जीवन पर काफी नकारत्मक प्रभाव डाल सकता है | जिसके वजह से उनके मुस्कुराहट और आत्मविश्वास पर तो प्रभाव पड़ता ही है इसके साथ ही उन्हें भोजन को चबाने और बोलने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ जाता है | जिसकी वजह से उन्हें डेंटल इम्प्लांट्स का चुनाव करना पड़ता है, जिसकी मदद से देंईस्ट द्वारा गायब हुए दांतों को पूरा किया जा सकता है | आइये जानते है  एक्सपर्ट्स से क्या है डेंटल इम्प्लांट्स :-  एसएचए डेंटल क्लीनिक के सीनियर डॉक्टर ज्योति मित्तल ने अपने यूट्यूब चैनल पोस्ट एक वीडियो के माध्यम से यह बताया की उनके पास भी कई ऐसे मरीज़ आते है तो डेंटल इम्प्लांट्स के बारे में पूछते है की उन्हें डेंटल इम्प्लांट करवाना  चाहिए या नहीं| दरअसल डेंटल इम्प्लांट्स एक किस्म की कृत्रिम दांतों की जड़ें होती है, यह जड़ें एक तरह के मेटल से बना हुआ होता है, जिससे टाइटेनियम मेटल भी कहा जाता है, जो बायो के प्रति अनुकूल होती है | यह बायो के प्रति इसलिए अनुकूल होती है क्योंकि यह व्यक्ति के शरीर को किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचती है |  इस वीडियो में डॉक्टर ज्योति मित्तल ने दांतों का मॉडल को हाथ में लेकर यह समझाया की जो डेंटल इम्प्लांट्स होते है वह आपके गायब हुए दांतों की जड़ों से जाकर सीधा जुड़ता है | यदि आपके दांतों के जड़ों की स्थिति अच्छी रही तो आपके जड़ों में अच्छे से इम्प्लांट हो जायेगा | इस प्रक्रिया के दौरान सबसे पहले इस मेटल इम्प्लांट को आपके दांतों की जड़ों में सीधा  डाल दिया जाता है और फिर कम से कम 3 महीने बाद इस इम्प्लांट के ऊपर दांत को लगया जाता है, जैसे ही इसके ऊपर दांत लग जाता है, तब इस पूरी प्रक्रिया को डेंटल इम्प्लांट्स कहा जाता है |     इससे संबंधित और जानकारी के लिए एसएचए डेंटल क्लीनिक नामक यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते है | इस चैनल पर  संबंधित संपूर्ण जानकारी पर वीडियो बना कर पोस्ट की हुई है | इसके अलावा आप चाहे तो एसएचए डेंटल क्लीनिक से सीधा संपर्क भी कर सकती है | इस संस्था के डॉक्टर ज्योति मित्तल ओरोमैक्सलोफेशल सर्जरी में स्पेशलिस्ट है |

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जाने दांतों से जुड़ी ये 5 टिप्स जो ओरल हेल्थ को रखें हाइजीन

ओरल हेल्थ को हाइजीन रखने के लिए कुल्ली है फायदेमंद, जाने दांतों से जुड़ी ये 5 टिप्स  

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मुँह को खाद्य पदार्थ के माध्यम से कई तरह के बैक्टीरिया और हज़ारों की संख्या में जर्म्स का सामना करना पड़ता है | जब हम भोजन सेवन करते है तो उसके कुछ कण आपके दांतो से जाकर चिपक जाता है या फिर मसूड़े के बीच में फंसा रह जाता है, जो बाद में दांतों और मसूड़ों में सड़न का कारण बनते है और साथ ही इससे मुँह बदबू भी आने लग जाती है | ऐसे में एक नियमित रूप से ब्रश करना और साथ ही अपने दांतों को डेटॉक्स करना बेहद आवशयक हो जाता है | आइये जानते है दांतों से जुडी 5 ऐसी टिप्स, जो ओरल हेल्थ को रखे हाईजीन :-  टिप 1. मुंह को कुल्ला करें और भरपूर मात्रा में पानी पीएं :- भोजन सेवन करने के तुरंत बाद मुंह को कुल्ला करना बेहद महत्वपूर्ण होता है | ऐसा इसलिए क्योंकि जब भी हम भोजन करते है तो इसके कुछ कण हमारे दांतों के साथ चिपके रह जाते है, जिस वजह से दांतों में मौजूद बैक्टीरिया नियमित से बढ़ने लगता है, और साथ ही दांतों से जुडी कई समस्या भी उत्पन्न होने लग जाती है | कुल्ली करने से मुंह में मौजूद कण बाहर को निकल जाते है, साथ ही बैक्टीरिया का भी सफाया हो जाता   है | हमे पानी का सेवन भी भरपूर मात्रा से करना चाहिए, इससे हमारी ओरल हेल्थ हमेशा डेटॉक्स और हाईजीन रहती है |  टिप 2. नारियां तेल से कुल्ली करें :- नारियल तेल से कुल्ली करने को ऑयल पुल्लिंग भी कहा जाता है | नारियल तेल में मिक्रोबॉइल प्रॉपर्टीज जैसे तत्व मौजूद होते है, जो दांतों में प्लाक की समस्या के साथ- साथ झनझनाहट को करने में सक्षम होती है | नारियल के तेल को 15 मिनट तक के लिए माउथवॉश की तरह इस्तेमाल करें, यह मुँह में जमा बैक्टीरिया को पूरी तरह से निकाला देगा और साथ साथ ही दांतों की चमक को बरकरार रखेगा |  टिप 3. नीम तेल से कुल्ली :- नीम को आयुर्वेद को बेहद खास मन जाता है | इसमें पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी एंटीऑक्सीडेंट और एंटीसेप्टिक जैसे प्रॉपर्टीज दांतों के लिए दांतों के साथ-साथ चेहरे की त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद  होते है | इसके इस्तेमाल से आप दांतों और मसूड़ों की सेहत को बरकरार रख सकते है |  टिप 4. ग्रीन टी सेवन करे :- ग्रीन टी  एक रिफ्रेशिंग ड्रिंक के साथ-साथ सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद साबित है | यह दांतों में मौजूद बैक्टीरिया से लड़ने में बेहद प्रभावी रूप से काम करता है और साथ ही साँसे में बदबू को कम करने मे भी मदद करता है |    टिप 5. टी ट्री ऑयल से करे कुल्ली :- टी ट्री एसेंशियल ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-फंगल जैसे एंटीसेप्टिक प्रॉपर्टीज होते है, जो नेचुरल डिसऑडरेंट और हाउसहोल्ड क्लीन्ज़र की तरह काम करते है | इसके आलावा यह त्वचा के साथ-साथ दांतों और मसूड़ों के लिए काफी फायदेमंद होता है | टी ट्री ऑयल से कुल्ली करने से दांतों में महसूस होने वाली सेंस्टिविटी को कम करने के साथ-साथ झनझनाहट जैसी समस्या से राहत दिलाने में भी मदद करता है |  यदि आप भी दांतों से जुड़ी किसी भी तरह के समस्या से गुजर रहे है और किसी भी तरह के नुस्खे से कोई राहत नहीं मिल रही है तो बेहतर है की आप डेंटिस्ट के पास जाकर अच्छे से इलाज करवाएं, ताकि आपको इस समस्या से राहत मिल सके | इसके लिए आप एसएचए डेंटल क्लीनिक से भी परामर्श कर सकते है, इस संस्था के निर्देशक डॉक्टर ज्योति मित्तल ऑर्थोडोंटोडिस्ट में स्पेशलिस्ट है |

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डाईबेटिस जैसी बीमारी दांतों के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती है और क्या है कारण?

डाईबेटिस जैसी बीमारी दांतों के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती है और क्या है कारण?   

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डाईबेटिस या फिर मधुमेह गंभीर बीमारियों में से एक है | मधुमेह और दांतों से जुड़ी समस्याओं के बीच का संबंध उच्च रक्त शर्करा से है | यदि रक्त शर्करा पर समय रहते प्रबंधित न लगाया गया तो इससे दांतों के स्वास्थ्य में कई तरह के समस्याओं के उत्पन्न होने की संभावना अधिक हो जाती है | ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अनियंत्रित मधुमेह सफ़ेद रक्त कोशिकाएं को कमज़ोर बना देती है जो की मुँह के अंदर संक्रमण के खिलाफ शरीर का मुख्य से रक्षा करती है |  एसएसए डेंटल क्लिनिक के सीनियर डॉक्टर ज्योति मित्तल ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो  माध्यम से यह बताया की कई मरीज़ का बहुत कॉमन-सा सवाल होता है की डाईबेटिस जिससे शुगर की बीमारी भी कहा जाता है, उसका दांतों की स्वास्थ्य से क्या सम्बध है ? यह बात बिलकुल सच है की जो मरीज़ शुगर की बीमारी से  जूझ रहे होते है या फिर काफी समय से उन्हें डाईबेटिस की बीमारी से पीड़ित है इसका सीधा असर दांतों के स्वस्थ्य पर भी पड़ता है | चाहे डाईबेटिस नियंत्रित है या फिर अनियंत्रित इसकी वजह से भी कई दांतों से जुडी कई बीमारियां उत्पन्न हो सकती है जैसे की मसूड़े में सूजन, ब्रश के दौरान दांतों  से खून बहना, समय से पहले दांतों का टूट जाना आदि | इसके आलावा इस बीमारी से मुँह के अंदर हमेशा ड्राईनेस रहती है जिससे दांतो में सड़न जैसी समस्या, फंगस इन्फेक्शन होना और मुँह से बदबू तक आने लगता है | जिसका सही समय पर इलाज करवाना बेहद ही आवश्यक होता है |  डॉक्टर ज्योति मित्तल ने यह भी बताया की अगर आप भी डाईबेटिस जैसे बीमारी का शिकार है तो इससे अपने दांतों के स्वास्थ्य का बचाव और बरकरार कैसे रख सकते है, आइये जानते है :-  अगर आप भी दांतों से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे है तो आप एसएसए डेंटल क्लिनिक का चयन कर सकते है | इस संस्था के डॉक्टर ज्योति मित्तल ओरोमैक्सलोफेशल में एक्सपर्ट है, जो आपको इस समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करेंगे |

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