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जाने दांतों को निकलवाने के बाद किन-किन बातों का ध्यान रखना होता है बेहद ज़रूरी ?

जाने दांतों को निकलवाने के बाद किन-किन बातों का ध्यान रखना होता है बेहद ज़रूरी ? 

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एसएचए डेंटल क्लिनिक की सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर ज्योति मित्तल ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो में यह बताया कि कई मामले ऐसे होते है जिसमे व्यक्ति अपने दांतों का ख्याल बिलकुल भी नहीं रखते है, जिसके चलते उन्हें दांतों से जुडी कई तरह के समस्याएं उत्पन्न हो जाती है, जिनमे से एक है दांतों में सड़न जैसी समस्या का उत्पन्न होना | दांतों में आये सड़न के कारण दांतों का निकलना अनिवार्य हो जाता है | लेकिन दांतों को निकालने के बाद इससे जुड़ी कुछ युक्तियाँ होती है, उनका अनुसरण करना बेहद महत्वपूर्ण होता है और साथ ही कुछ बातो का ध्यान रखें भी बेहद ज़रूरी होता है, ताकि दांतों में किसी भी तरह का इन्फेक्शन न हो सके और मौखिक स्वास्थ्य की स्वच्छता बरकरार रहे | आइये जानते है ऐसी ही कुछ युक्तियों के बारे में :-  इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप दिए गए लिंक पर क्लिक कर इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप एसएचए डेंटल क्लिनिक नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है | इस चैनल पर आपको इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी |  यदि आप दांतों से जुड़ी किसी प्रकार की समस्या से गुजर रहे है तो इलाज के लिए आज ही एसएचए डेंटल क्लिनिक नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट पर दिए गए नंबरों पर संपर्क कर अपनी अप्पोइन्मनेट की बुकिंग करवा सकते है |   

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मौखिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए मौखिक कैंसर से जुड़े कुछ शुरूआती संकेत और लक्षण

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दुनियाभर में मौखिक कैंसर एक गंभीर और बढ़ती चिंता का विषय बन गया है | लेकिन इस कैंसर का समय पर पता लगने से, उपचार के परिणाम में काफी सुधार हो सकता है, इसलिए इसके संभावित शुरूआती संकेतों और लक्षणों के प्रति जागरूक होना बेहद महतवपूर्ण होता है | मौखिक कैंसर गले के ऊतकों में विकसित होने वाले घातक बीमारियों को उल्लेखनीय करता  है | यह कैंसर एक व्यापक श्रेणी से संबंधित होता है, जिसे सिर और गर्दन का कैंसर भी कहा जाता है | मौखिक कैंसर से प्रभावित होने वाले मुख्य हिस्सों में पीड़ित मरीज़ के होंठ, जीभ, गाल, मुंह का ताल, कठोर और मुलायम तालु के साथ-साथ साइनस और ग्रसनी भी शामिल होते है |  मौखिक कैंसर के शीघ्र से पता करना क्यों होता है इतना महत्वपूर्ण ?  मौखिक कैंसर का समय से पता लगाने से सफल उपचार की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है और शरीर के कई हिस्सों में बीमारी के प्रसार को रोकने में मिल जाती है | इसलिए कैंसर के बढ़ने से पहले इसके शुरूआती संकेतों और लक्षणों का डेंटिस्ट के पास जाकर नियमित रूप से जांच और स्व-परिक्षण महत्वपूर्ण भूमिका को निभाते है | आइये जानते है मौखिक कैंसर से जुड़े कुछ शुरूआती संकेत और लक्षणों के बारे में :-  मौहिक कैंसर से जुड़े कुछ प्रारंभिक संकेत और लक्षण  अपने मौखिक और गले में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहना, आपके जीवन के लिए एक जीवन-रक्षक हो सकता है | यहाँ निम्नलिखित कुछ शुरूआती संकेत और लक्षण के बारे में वर्णन किया हुआ है :-  इसके अलावा ऐसे और भी लक्षण होते है, जैसे की आवाज़ में परिवर्तन आना, बिना किसी कारण के वजन का कम होना या फिर बिना किसी कारण के अधिक रक्तस्राव होना आदि शामिल है, जो मौखिक कैंसर से जुड़े कुछ शुरूआती संकेत और लक्षणों की तरफ इशारा करते है | इसलिए इन स्थितियों में लापवाही बिलकुल न दिखाएं और लक्षणों का पता लगते ही तुरत डेंटिस्ट के पास जाएं और अपना इलाज करवाएं, ताकि जल्द से जल्द इससे होने वाले जोखिम कारक को कम करने में मदद मिल सके, क्योंकि स्थिति गंभीर होने पर यह आगे जाकर बहुत बड़ी बीमारी का कारण भी बन सकते है | यदि आप भी ऐसे ही परिस्थिति से गुजर रहे है तो इलाज में एसएचए डेंटल क्लिनिक आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर ज्योति मित्तल ओरल और मैक्सिलोफसिस्ल सर्जरी में स्पेशलिस्ट है, जो पिछले 13 वर्षों से पीड़ित मरीज़ों का स्थायी रूप से इलाज कर रही है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही एसएचए डेंटल क्लिनिक की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |      

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एक्सपर्ट्स से जानें बच्चों के दांतों से स्वास्थ्य का कैसे रखें ख्याल ?  

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यदि छोटे बच्चों के दांतों का ख्याल ठीक से न रखा जाये, तो इससे जल्दी ही उनके दांतों में कीड़े लगने का खतरा बना रहता  है | जिन बच्चों की उम्र एक से तीन साल की होती है, खासकर उन बच्चों के दांतों का ख्याल रखना बेहद ज़रूरी होता है, क्योंकि वह अपने दांतों का खुद से ख्याल नहीं रख सकते है | ऐसे में उनके माता-पिता को अपने बच्चों के दांतों के साफ़-सफाई का ध्यान रखना पड़ता है | छोटे बच्चों के ओरल हेल्थ का ख्याल आपको उनके दांत के निकलने के बाद शुरू कर देना चाहिए | दांत के निकलने से पहले उनके मसूड़े और जीभ की साफ़-सफाई पर ध्यान देना ज़रूरी होता है | ऐसा करने से बच्चों के दांत और मसूड़े दोनों ही हमेशा स्वस्थ रहते है | आइये जानते है ऐसे ही टिप्स के बारे में, जो करें छोटे बच्चे के हेल्थ को बरकरार रखने में मदद :-  जब आपके बच्चे के दांत निकलने लगे तो दिन में दो बार ब्रश ज़रूर करवाएं, सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले | ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चों के मसूड़े बेहद नाज़ुक होते है, जिन पर आसानी से कीड़े लगने का खतरा बना रहता है, इसलिए दिन में दो बार ब्रश करने की आदत को ज़रूर डलवाएं | इसके साथ ही जीभ को भी साफ़ करना बिलकुल न भूले |  जब आपके बच्चे के मुंह में 3 से 4 दांत निकल आये तो उनकी फ्लॉस करना शुरू कर दें | ऐसा करने से दांतों के बीच जमा खाना निकल जयेगा और दांतों में कीड़े भी नहीं लगेगे |  कुछ मां भी ऐसी होती है जो सोने के समय बच्चे के मुंह में दूध का बोतल लगा देती है, लेकिन उसके मुंह से दूध के बोतल को निकालना भूल जाती है, जिसके चलते बच्चों के दांत अधिक समय तक शुगर के संपर्क में रहते है. जो दांतों में कैविटी के उत्पन्न होने के अवसर बड़ा देती है | इसलिए बच्चे के मुंह में दूध की बोतल को लगा न छोड़ें और कप में दूध को पीने की आदत को डलवाएं |  एक बात का खास ध्यान रखें कि बच्चे को कभी भी बचपन से ही ब्रेड, बिस्किट्स, चॉकलेट, नूडल जैसे तैलीय फ़ूड की आदत न डलवाएं | उनके आहार को हेअल्थी रखने की कोशिश करें | अधिक चॉक्लेट खाने से यह दांतों में चिपका रह जाता है, जो कैविटी को बढ़ावा देने का कार्य करता है | बच्चों के दांतों को हेअल्थी रखने के लिए उनके आहार में विटामिन डी, सी, बीटा, कैरोटिन, कैल्शियम जैसे पौष्टिक तत्वों को शामिल करें |  बच्चों को पैसिफायर बिलकुल भी न पकड़ाएं, क्योंकि यह बार-बार नीचे गिरते रहते है और बचे ऐसे ही इससे अपने मुंह में डाल लेते है, जो ओरल हेल्थ को ख़राब करने का काम करता है | पैसिफायर रबर या फिर सिलिकॉन का बना होता है, जिसे टीथर भी कहा जाता है | एक पेरेंट्स अक्सर बच्चे के दांत निकलने के बाद उसे पकड़ा देते है, जिससे बच्चे बिना साफ़ किये अपने दांतों से चबाते रह जाते है | ऐसे में बच्चे के दांतों में कई तरह की बीमारी के लगने की संभावना बढ़ जाती है | इसलिए जब आपका बच्चा 1 साल का हो जाये तो उससे पैसिफायर देना बिलकुल बंद कर दें |     यदि यह सब करने के बाद भी आपके बच्चे के दांतों में कीड़े लग गए है तो बेहतर है की आप किसी डेंटिस्ट के पास जाएं और अपने बच्चे का इलाज करवाएं | इसके लिए आप एसएचए डेंटल क्लिनिक से भी परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर ज्योति मित्तल ओरल और माक्सिलोफेसिअल सर्जरी में स्पेशलिस्ट है, जो पिछले 13 सालों से पीड़ित मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही  एसएचए डेंटल क्लिनिक नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |   

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एक्सपर्ट्स से जाने दंत स्वच्छता को बरकरार रखने के लिए क्या करें और क्या न करें ?  

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मौखिक स्वच्छता प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और एक स्वस्थ मुस्कान की शुरुआत अच्छी दंत स्वच्छता से शुरू होती है | दंत स्वच्छता मौखिक स्वास्थ्य की नींव होती है, जो स्वस्थ दांतों के साथ-साथ मसूड़ों को भी स्वस्थ बनाये रखने में अपनी एहम भूमिका को निभाने का कार्य करते है | एसएचए डेंटल क्लिनिक के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर ज्योति मित्तल ने यह बताया की कई बार लोग अपने कामों में इतना व्यस्त हो जाते  है की वह अपने सेहत के तरफ बिलकुल भी ध्यान नहीं दे पाते है, जिसकी वजह से उन्हें दांतों से जुड़ी कई तरह की समस्याओं से सामना करना पड़ जाता है जैसे की मसूड़ों में सूजन, दाँतों में कैविटी और स्थिति गंभीर होने पर उनके दांत भी टूटने लग जाते है |  इसलिए दंत स्वच्छता को बरकरार रखने के लिए रोज़ाना अच्छी आदतें को अपनाना चाहिए, जिसमें नियमित रूप से ब्रश करें, फ्लॉसिंग करें और डेंटिस्ट के पास जाकर अपने दांतों की अच्छे से जाँच-पड़ताल करना शामिल है | आइये जानते है कौन-सी अच्छी आदतें आपके दांतों के स्वच्छता को बरकरार रखने में मदद कर सकती है :-  प्रत्येक व्यक्ति को दिन में दो बार सुबह उतने के बाद और रात को सोने से पहले ब्रश ज़रूर करना चाहिए | अब अगर बात करें की सुबह और रात को ही ब्रश क्यों करना चाहिए, तो ऐसा इसलिए क्योंकि रात को सोने के समय मुंह में लार का पैदावार सबसे काम होती है, जो मुँह में मौजूद बैक्टीरिया को निकालें का काम करते है, इसलिए सुबह सबसे पहले उठकर ब्रश करना चाहिए, और अब अगर बात करें की रात को ही ब्रश क्यों करना चाहिए तो रात को भोजन खाने के बाद, इसके छोटे-छोटे कण दांतों में ही चिपके रह जाते है, जो बैक्टीरिया को बढ़ावा देने का काम करते है | इसलिए रात को सोने से पहले ब्रश ज़रूर करें |   ठीक से फ्लॉसिंग करने के लिए अपनी दोनों तर्जनी उंगलियों के बीच फ्लॉसिंग को लपेटकर, प्रत्येक दांतों के बीच दबाना चाहिए | इसकी मदद से दांतों के बीच जमा भोजन के कण को निकाल सकते है | इसलिए फ्लॉसिंग को अच्छे से दांतों के ऊपर, नीचे और अगल-बगल में स्वतंत्र से घूमाना सुनिश्चित करें |   कोई भी उपचार तब तक अपना असर नहीं दिखाता है, जब तक आप उचित और नियमित रूप से घरेलु उपचारों की पालना नहीं करते है | इसका मतलब यह है की हर भोजन के सेवन के बाद अच्छे से ब्रश और फ्लॉसिंग करनी चाहिए है, क्योंकि भोजन करने के बाद उसके छोटे-छोटे कण दांतों में जमा रह जाते है, जो बैक्टीरिया को बढ़ावा देने का कार्य करते है | इसलिए यह महत्वपूर्ण है की दिन में दो बार नियमित रूप से दांतों को ब्रश और फ्लॉसिंग करें |   प्रत्येक व्यक्ति को 2 से 3 महीने के बीच डेंटिस्ट के पास, अपने दांतों की जाँच-पड़ताल करवाने के लिए ज़रूर जाना चाहिए | ऐसा करने से जाँच-पड़ताल के दौरान दांतों में उत्पन्न समस्या का पहले ही पता लग जायेगा और समय पर ही इसका इलाज भी हो जायेगा, क्योंकि इलाज में देरी होने पर स्थिति गंभीर भी हो सकती है, जिसकी वजह से यह समस्या दांतों के टूटने का कारण भी बन सकते है |  यदि आप में से कोई भी व्यक्ति दांतों के स्वास्थ्य से जुड़ी इसी भी प्रकार की समस्या से पीड़ित है और अपना इलाज करवाना चाहता है तो इसमें एसएचए डेंटल क्लिनिक आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर ज्योति मित्तल पंजाब के बेहतरीन ओरल और मैक्सिलोफेसिअल सर्जन में से एक है, जो पिछले 13 वर्षो से पीड़ित मरीज़ों  का सटीकता और स्थायी रूप से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही एसएचए डेंटल क्लिनिक नामक वेबसाइट पर जाएंऔर अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |  

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क्या दांतों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के बाद भी लग सकते है इनमें कीड़े ? जाने क्या है इसकी मुख्य वजह

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एक स्वस्थ दांत, प्रत्येक व्यक्ति के पर्सनैलिटी में अपनी अहम भूमिका को निभाने का कार्य करता है, जिससे वह व्यक्ति अपनी  खूबसूरत स्माइल को दर्शा सके, लेकिन अगर यही स्वस्थ किसी कारण वर्ष ख़राब हो जाता है तो इससे व्यक्ति की पर्सनैलिटी बदसूरत दिखने लग जाती है | दांतों से जुडी कुछ समस्याएं ऐसी होती है, जिसकी वजह से दांतों में दर्द की समस्या उत्पन्न हो जाती है | उनमें से एक समस्या है, जिसकी वजह से बच्चे और बुजुर्ग हर वर्ग के लोगों को काफी तकलीफों से गुजरना पड़ है, वह समस्या है दांतों में कीड़े का लगना | दांतों में कीड़ा लगना एक ऐसी गंभीर समस्या है, जिससे पीड़ित व्यक्ति न ही ठीक से खाना खा सकता है और न ही ठीक से अपनी नींद को पूरा कर सकता है | आइये जानते है दांतों में कीड़े लगने के प्रमुख कारण कौन-से है :-  और भी ऐसे कई समस्या है जिसकी वजह से दांतों में सड़न की समस्या उत्पन्न हो सकती है | अब अगर बात करें की क्या दांतों का ख्याल रखने के बाद भी दांतों में सड़न की समस्या उत्पन्न हो सकता है तो यदि कोई भी व्यक्ति अपने दांतों की सफाई सही तरीकों से नहीं करा रहा है, तो इससे दांतों में जमा प्लाक बैक्टीरिया को बढ़ावा देने लग जाता है जिससे यह बैक्टीरिया दांतों में सड़न की समस्या का कारण बन जाते है | इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को समय-समय पर डेंटिस्ट के पास अपने दांतों  निरिक्षीण करवाने के लिए ज़रूर जाना चाहिए, ताकि आपके दांतों में उत्पान हो रहा समस्या का पहले ही पता लग जाये और सही समय पर निदान भी कर दिया जाये |  यदि आप भी दांतों में सड़न की समस्या से पीड़ित है और स्थायी रूप से इलाज करवाना चाहते है तो इसमें एसएचए डेंटल क्लिनीक आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर ज्योति मित्तल ओरल और मैक्सिलोफासिअल सर्जरी में स्पेशलित है, जो पिछले 13 वर्षों से पीड़ित व्यक्तियों का सटीकता से इलाज कर रही है | इससे जुडी अधिक जानकारी के लिए एसएचए डेंटल क्लिनीक नामक वेबसाइट पर जाये और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट में दिए गए नंबरों से भी संपर्क कर सकते है | 

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Transform Your Smile: Exploring the Latest Trends in Cosmetic Dentistry

Benefits Of Brushing Teeth

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Benefits Of Brushing Teeth Happy faces attract everyone. Our smile shows our happiness. A good-looking smile with a row of healthy teeth shows confidence and attractiveness. Smiling encourages better oral health. Some people have problems with their teeth So it becomes difficult for them to laugh and eat.  There are too many prevention tips which can protect your teeth from diseases. Also, have a regular dental check-up. Visit the Best Dental Clinic In Dugri If you have several problems with your teeth.  Reasons of Tooth Decay: Prevention tips: Smiling encourages better oral health. Clean your teeth by brushing twice daily, flossing once daily between your teeth, cutting down on sugar, and using other lifestyle tips. Also, have a regular dental check-up. Oral health deteriorates due to the consumption of tobacco and alcohol. Book a dental appointment at the Best Dentist In Ludhiana if you have dental problems such as oral cancer, chipped teeth, bad breath, tooth decay, toothache or stained teeth.

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Benefits of regular dental visits

When should you visit the dentist? What are the benefits of regular visits?

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I know it is difficult for people to take out some time from their busy schedules. But scheduling one day in a month just to ensure good dental hygiene is not at all a bad thing and even a difficult thing. One is ought to take out one dua in a month for his or her full body checkups. If the body would be healthy. Only then it will be able to do the work. So visiting a Best dental clinic in Ludhiana will help you out with the following advantages: The aggravation of the disease or the dental problem is something that should be immediately curbed at the initial stage. We cannot check whether something is affecting our month or not. Because the bacteria which affects the teeth are so small that we cannot see them with naked eyes. So the professional dentists with the help of the dental equipment try to detect them and treat the cause of the dental problem.  There are some mental problems which if they are not treated on time, then they may end up afflicting the tooth in the way that no treatment option other than the extraction will be left as the last resort. So the regular dental checkups will help to ensure that no such circumstances in future should come to origin which will face the dentist to extract the tooth.  When you will visit the dentist, then he will surely guide you with the measures that will help you to maintain the hygiene of your mouth. So if you keep on visiting them, he will also tell you about the minutest dental tips which after incorporating you can prevent your tooth from getting into the menace of tooth decay.  As we all know that the dental problems do not only cause problem to the mouth but if they are not even detected at the earliest stage, they may affect the veins and arteries of the mouth and gives a welcoming invitation to the variegated health problems  The embarrassment which the bad breath causes you to feel the attack on self-esteem since you are pointed out on your hygiene. So the dentist will make your mouth clear of acid and bacteria which will not let you face any problem regarding that bad breath. Since you know that you have already consulted the dentist Clinic in Dugri, neither you have to fear while talking to someone because of the bad breath nor you have to worry about aesthetics as regular visits will never let your aesthetics get spoiled.  Takeaway The smile is the only source based on which the person standing in front of you judges you. If you have a smile which is showing the whitening teeth, then the person will surely form a good impression of you. On the other hand, if you don’t have a pleasing smile or your teeth are showing the signs of tartar buildup, then the person will try to get rid of you as soon as possible.

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दांत दर्द, सूजन और कीड़े लगने का उपचार

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आजकल बाज़ारो मे खाने के बहुत सारे विकल्प उपलब्ध है | जिनका सेवन करके हमे दांतो से सम्बंधित बहुत सारी समस्याएं पैदा हो जाती है | जैसे की दांतो मे सूजन आ जाना, मसूड़ों में झनझनाहट महसूस करना , दांतो मे ठंडा गरम महसूस करना आदि | कई लोग इन दर्दो के लिए डॉक्टर के पास जाना  ज्यादा फायदेमंद समझते है | जब्कि इस समस्या को घर बैठे भी ठीक किया जा सकता है | दांतो के दर्द को ठीक करने के लिए घरेलू नुस्खो का प्रयोग किया जा सकता है |   दांत में दर्द होने के कारण :-   ⬄ दांतों की अच्छी तरह से सफाई न करना भी दांतों के दर्द का मुख्य कारण है |   ⬄ ज्यादा मीठी चीज़े खाने पर भी दांतो मे दर्द और उससे जुडी कई तरह की समस्याएं शुरू हो जाती है |   ⬄ दांतों में कैल्शियम की कमी का होना भी दांतों को कमजोर करने का मुख्य कारण है |   ⬄ दांतो को सही ढंग से ब्रश न करना दांतो को कमज़ोर बना देता है |  दांतों को ठीक करने के कुछ घरेलू नुस्खे जो की इस प्रकार है :-    → पानी में नमक मिलाकर कुल्ला करें :- जब भी आपको दांतों का दर्द महसूस हो तब आप एक गिलास में पानी डालकर उसमें आधा चम्मच मिलाकर पिए आपको कुछ ही देर में राहत मिलेगी |   → दिन मे दो बार ब्रश करे :- दांतो को कैविटी से बचाने के लिया दिन में दो बार ब्रश करना चाहिए | एक सुबह के समय और दूसरा रात को सोने से पहले |  → लौंग के तेल का इस्तेमाल करे :- दर्द महसूस होने पर लॉन्ग का तेल लेकर उससे मसूड़ो की मसाज करे दर्द कुछ हे देर मे चला जायेगा |  → दर्द वाली जगह पर आइस पैक के साथ सेक दे :- दर्द सेहन न होने पर एक कपडे मे बर्फ के टुकड़ा को डालकर टकोर करे इससे दर्द से राहत महसूस होगी |   → बाहर की चीजों को खाने से परहेज करे :- दांतो को अनेक समस्याओं से बचाने के लिए हमे बहार की चीज़ो का सेवन नहीं करना चाहिए | क्युकी यह हमरे दांतो को और खराब कर सकती है |  → लहसुन का प्रयोग करे :- दर्द के बढ़ने पर हमे लहसुन का उपयोग करना चाहिए | जैसे की हम जानते है की लहसुन भट हे गुणकारी स्रोत है | इसके उपयोग से आधी बीमारिया सही हो जाती है | इसी तरह यह दांतो को ठीक रखने में भी बहुत सहायक सिद्ध होता है |  डॉक्टर की सहायता कब लेनी चाहिए :-  जब हर प्रकार के उपायों का प्रयोग करके कोई हल न निकले और दर्द से छुटकारा न पाया जाये तो हमे डॉक्टर की सहायता लेनी चाहिए | जिसके लिए हम शाह डेंटल क्लिनिक जाकर भी इलाज करवा सकते है | निष्कर्ष :- आजकल हर कोई कोई न कोई समस्याओं से परेशान है | दांतों से संबंधित समस्याएं आजकल हर घर में देखने को मिलती है तथा हर उम्र के लोगों में | क्युकी आजकल बदलते तौर तरीके के चलते लोगों के खाने पीने के ढंगो मे बहुत परिवर्तन आ गया है | जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा रहे है | हम अनेक बीमारियों का शिकार होते जा रहे है | दांतों का दर्द असहनीय योग्य होता है |        

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Is tooth sensitivity a serious problem?

अन्य मौसमों की तुलना में गर्मियों में दांत अधिक संवेदनशील क्यों होते हैं?

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हर मौसम में अपने दांतों के स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरूरी है। व्यस्त कार्यक्रम और सख्त समयसीमा ने हममें से अधिकांश लोगों के लिए मौखिक देखभाल में समय और प्रयास दोनों का निवेश करना बहुत कठिन बना दिया है। लेकिन, लंबे समय तक अपने दांतों और मसूड़ों की अनदेखी करने से कई दंत समस्याएं पैदा हो सकती हैं।  एक स्वस्थ मुँह एक बड़ी संपत्ति हो सकता है। हमारे दांतों का हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। वे हमें भोजन चबाने और पचाने में मदद करते हैं, वे हमें बात करने और स्पष्ट रूप से बोलने में मदद करते हैं और वे हमारे चेहरे को उसका आकार भी देते हैं। मुस्कुराहट के अन्य दैनिक लाभ भी हैं। यह हमें अधिक आत्मविश्वास दे सकता है, साथ ही हमारे सामाजिक जीवन, करियर और रिश्तों को भी प्रभावित कर सकता है। गर्मियों में दांतों की समस्याओं के कुछ कारण:  गर्मियों के दौरान उच्च तापमान के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। पानी की यह अत्यधिक हानि निर्जलीकरण का कारण बनती है। जब शरीर में नमी कम हो जाती है तो इसका असर लार ग्रंथियों की कार्यप्रणाली पर पड़ता है। इससे ग्रंथियों से आने वाली लार प्रभावित हो सकती है और उसकी मात्रा कम हो सकती है।कम लार निकलने से मसूड़ों और दांतों पर असर पड़ता है, जिससे सूखापन महसूस होता है। साथ ही, यह कीटाणुओं के पनपने का प्रमुख स्थान बन जाता है, जिससे दांतों में सड़न पैदा होती है। गर्मी के मौसम में लोग गर्मी से राहत पाने के लिए शीतल पेय का सेवन करते हैं। हालांकि ये गर्मी को कम करने में मदद करते हैं, लेकिन ऐसे पेय पदार्थों में चीनी होती है जो आपके दांतों को नुकसान पहुंचा सकती है। इसमें मौजूद एसिड दांतों को ख़राब कर सकते हैं, जिससे परेशानी हो सकती है। कार्बोनेटेड पेय लेने से आपके मुंह में रोगाणुओं के पनपने की संभावना बढ़ जाती है यदि आपके दांत में पहले से कोई समस्या है, तो गर्मी के कारण वह और बढ़ जाएगी। आपके दांतों में बैक्टीरिया मौजूद हैं; गर्मी के कारण वे और अधिक पनपेंगे। इससे पुरानी सूजन हो जाती है, जिसका अर्थ है अत्यधिक दांत दर्द।  यदि आपके दांतों में कोई चोट लगी है, तो संभवतः इस मौसम में वह और भी खराब हो जाएगी। यह स्थिति मुख्य रूप से बच्चों के लिए उत्पन्न होती है क्योंकि वे घर पर होते हैं। जब वे खेलते हैं और घायल हो जाते हैं, तो इससे दांतों की समस्या हो सकती है। गर्म मौसम के कारण इन चोटों को ठीक होने में अधिक समय लगेगा। गर्म खाने की तरह ही बहुत ज्यादा ठंडी चीजें खाने से भी परहेज करना चाहिए। इससे बॉडी के इंटरनल पार्ट में शॉक लगने का डर होता है। जिससे बॉडी में फ्लूइड का मूवमेंट कम हो जाता है और डाइजेशन प्रॉब्लम हो सकती है।  गर्मी का मौसम आपको करेगा परेशान लेकिन इससे कैसे बचा जाए। इस गर्मी में स्वस्थ मुस्कान बनाए रखने के लिए यहां  युक्तियां दी गई है: गर्मियां व्यस्त और मौज-मस्ती से भरी हो सकती हैं, लेकिन अपने दांतों को दिन में कम से कम दो बार ब्रश करना सुनिश्चित करें। सुबह और शाम को ब्रश करने की दिनचर्या बनाए रखने से आपको स्वस्थ मुस्कान पाने में मदद मिलेगी। तापमान बढ़ने के साथ, आप अपना समय बाहर बिताने के लिए अधिक उपयुक्त हैं। जबकि नींबू पानी का एक बर्फ-ठंडा गिलास या स्वादिष्ट, मौसमी फलों से बना जूस निस्संदेह आपकी प्यास बुझाएगा, सुनिश्चित करें कि आप अभी भी खूब पानी पिएं। आइसक्रीम और ग्रीष्मकालीन बारबेक्यू खाद्य पदार्थों से भरे अस्वास्थ्यकर आहार खाने के जाल में फंसना आसान है, लेकिन आपको अपने भोजन में यथासंभव अधिक से अधिक स्वस्थ चीजें शामिल करने का लक्ष्य रखना चाहिए। मीठे खाद्य पदार्थ पालक के निर्माण में योगदान करते हैं, जिससे कैविटी और दांतों की बीमारी हो सकती है। इसके बजाय, यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपको हमेशा स्वास्थ्यवर्धक नाश्ता मिले, अपनी रसोई में मौसमी फल और सब्जियां रखें। वे आपके दांतों और आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहतर होंगे। यदि आप समय-समय पर मीठे पेय का आनंद लेते हैं, तो इसे स्ट्रॉ के साथ पीने का प्रयास करें। स्ट्रॉ के साथ पीने से शर्करा युक्त पेय का आपके दांतों के साथ संपर्क सीमित हो जाता है। बर्फ पर कुरकुराने से दांत टूट सकता है या टूट सकता है, और यदि यह मसूड़े की रेखा के नीचे विभाजित हो जाता है, तो इसे निकालना होगा। बर्फ चबाने की बजाय एक गिलास ठंडा पानी पियें।

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Why visit the dentist?

Benefits of getting scheduled with regular appointments with the dentist?

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As we all know a few benefits of visiting the dental clinic in Dugri. But today we are going to tell you some of the secret benefits of visiting the dentist which you must be knowing. Sometimes we remain sleep deprived owing to sleep apnea or other such problems. But if we keep on visiting the dentist regularly, then they will surely guide you in the ways with which you can sleep soundly. We all are aware of the fact that poor dental hygiene directly affects heart health and may give birth to variegated cardiovascular diseases. So to avoid affecting any of the cardiovascular diseases, one should make sure to visit the dental clinic regularly. According to the research, the brain and the teeth have some kind of connection. So if anything goes wrong with the teeth, then it directly impacts brain health. As cardiovascular diseases can be caused by the deteriorated teeth, same diabetes can be caused if tooth decay and any such problem come into existence. The headaches are deemed to have either or both neurological or anatomical issues. As per the pieces of the research, many patients have been observed to be afflicted with headaches who have encountered a warning sign of TMJ disorder even for only one time. Regular dental visits help the dentist to detect oral cancer at the earliest stages. The treatment of the advanced stages of oral cancer will not only be invasive but also will be very expensive. In our daily lifestyle, we sometimes get accustomed to habits that are not good for poor dental health. But during the dental consultation, the Best dentist in Ludhiana will help us to know that the particular habit is not good for us and we should not be taking it further into account. The love life also gets affected if you can’t kiss your partner perfectly. Even during the intercourse, you are so close to your partner that he or she may get uncomfortable with the smell and the poor dental hygiene which you are keeping. You will be surprised to know that 20% of people suffer from a breakup because their partners are not keeping up with accurate dental hygiene practices. In our daily lives, we meet so many people. But we are not comfortable with each one of them. We do not like to talk to 50% of the people because they are coming up with bad breath. Bottom Line Having thoroughly gotten to know about dental hygiene, we must conclude to visit the dentist regularly to ensure that we can keep ourselves away from the aforesaid problems like the foul smell, cardiovascular diseases and diabetic attacks.

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